बॉम्बे हाईकोर्ट में कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर हाल ही में सुनवाई हुई। जी स्टूडियोज के वकील ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने रिवाइजिंग कमेटी द्वारा सुझाए गए बदलाव मान लिए हैं। उन्होंने इन बदलावों को लागू करने के लिए एक फॉर्मेट भी बना लिया है जिसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को सौंप दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 3 अक्टूबर, गुरुवार को रखी है। इस दौरान CBFC की तरफ से दी गई प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए अदालत आगे का फैसला करेगी। बता दें, इससे पहले सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई थी, जिसके चलते जी स्टूडियोज ने बदलाव करने का फैसला किया है। क्या है पूरा मामला? फिल्म की रिलीज को लेकर कंगना और जी स्टूडियो ने याचिका दायर की थी। उन्होंने आपत्ति जताई थी कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पहले सर्टिफिकेट दे दिया था, लेकिन 6 सितंबर को होने वाली रिलीज से 4 दिन पहले इस पर रोक लगा दी। इसके बाद कंगना ने आरोप लगाया था कि सेंसर बोर्ड फिल्म को सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रहा है, जिससे फिल्म की रिलीज में देरी हो रही है। कंगना और फिल्ममेकर्स ने याचिका में सेंसर बोर्ड पर आरोप लगाया था कि उसने मनमाने ढंग से फिल्म का सर्टिफिकेट रोक रखा है। सेंसर बोर्ड ने ई-मेल के जरिए सर्टिफिकेट दे दिया था, लेकिन रिलीज से महज 4 दिन पहले सर्टिफिकेट की कॉपी देने से मना कर दिया। CBFC का पक्ष
CBFC के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कोर्ट में बताया कि ‘इमरजेंसी’ के मेकर्स को सिस्टम द्वारा जनरेट किया हुआ मेल मिला था, जिसमें सर्टिफिकेट की जानकारी दी गई थी। लेकिन बाद में फिल्म के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई गई, जिसके चलते सर्टिफिकेट रोक दिया गया। कोर्ट की सख्ती
पिछली सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBFC के अधिकारियों को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड किसी फिल्म को सर्टिफिकेट देने से सिर्फ इस वजह से इनकार नहीं कर सकता कि भविष्य में उससे कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या भारत के लोग इतने भोले हैं कि वे फिल्म में दिखाई गई हर बात पर विश्वास कर लेंगे। कंगना की तरफ से वकील का बयान
कंगना रनौत के प्रोडक्शन हाउस की तरफ से वकील ने कोर्ट में कहा था कि वे फिल्म में कोई बदलाव नहीं करेंगे और फिल्म को उसी रूप में रिलीज करेंगे, जैसा कि CBFC ने पहले मंजूर किया था।
Leave a Reply