फ्रांस की कोर्ट ने पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने के झूठे आरोप पर टीचर की हत्या के मामले में 8 आरोपियों को दोषी ठहराया है। शुक्रवार को पेरिस की एक विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को 3 से 16 साल तक की सजा सुनाई है। आरोपियों में 7 पुरुष और एक महिला शामिल हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में सैमुअल पैटी नाम के एक टीचर की पेरिस के कॉन्फ्लैंस सैंट होनोरिन में उनके स्कूल के बाहर हत्या कर दी गई थी। हत्या करने वाला शख्स 18 साल का अब्दुल्लाख अंजोरोव था। हमले के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने अंजोरोव को मार गिराया था। अब कोर्ट ने अंजोरोव की मदद की करने के आरोप में उसके दो दोस्तों नईम बौदाऊद (22) और अजीम एप्सिरखानोव (23) को 16-16 साल की सजा सुनाई है। नईम ने अंजरोव को स्कूल पहुंचाने और अजीम ने उसे हथियार खरीदने में मदद की थी। इनके अलावा 6 अन्य आरोपियों को अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिया गया है। 6 आरोपियों को नफरत फैलाने का आरोप में सजा कोर्ट ने पैटी के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में एक कट्टरपंथी इस्लामिक समूह से जुड़े अब्देलहकीम सेफ्रीउई को 15 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा पैटी के स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा के पिता ब्राहिम चनीना पैटी के खिलाफ झूठा पोस्ट करने के आरोप में 13 साल की सजा सुनाई गई है। बाकी 4 आरोपियों को इंटरनेट पर हिंसा भड़काने के आरोप में दोषी ठहराया गया है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक कार्टून दिखाने की झूठी बात छात्रा ने अपने पिता से कही थी। इसके बाद उसके पिता ने इंटरनेट पर पैटी के खिलाफ कैंपेन शुरू कर दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में 450 से ज्यादा लोग मौजूद थे। फ्रेंच मीडिया के अनुसार सेफ्रीउई के वकील ने कहा है कि वो अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है और इस मामले को ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। सिलसिलेवार तरीके से पढ़ें पूरा मामला सैमुअल पैटी बच्चों को हिस्ट्री और सिविक्स पढ़ाते थे। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) की क्लास में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ कार्टून दिखाए। ये कार्टून दिखाने से पहले उन्होंने क्लास में मौजूद मुस्लिम छात्रों से बाहर जाने के लिए कहा था। जिससे उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचे। 14 साल की एक टीनएजर ने अपने पिता को इस बारे में बताया। उसने कहा- हिस्ट्री टीचर ने हमें चार्ली हेब्दो न्यूजपेपर में छपे पैगंबर मौहम्मद के कुछ कार्टून दिखाए। इनमें से एक में पैगंबर के शरीर पर कपड़े नहीं थे। हालांकि, BBC की रिपोर्ट के मुताबिक जिस दिन ये कार्टून दिखाए गए उस दिन 14 साल की टीनएजर क्लास में मौजूद ही नहीं थी। अदालत ने अब इस लड़की को झूठे आरोप लगाने का दोषी पाया। इसी तरह अन्य टीनएजर्स को आपराधिक साजिश में शामिल होने का दोषी पाया गया। टीचर के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू हुआ क्लासरूम में पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ कार्टून दिखाए जाने की बात तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। सैमुअल के खिलाफ कैंपेन शुरू हो गया। 18 साल के आरोपी अब्दुल्लाख अंजोरोव की नजर इस पर पड़ी। उसने सैमुअल को मारने का प्लान बनाया। सैमुअल पर नजर रखने बच्चों को पैसे दिए अंजोरोव ने क्लासरूम की घटना के एक हफ्ते बाद सैमुअल की हत्या को अंजाम दिया। 16 अक्टूबर को वो स्कूल पहुंचा। गेट के बाहर सैमुअल का इंतजार करता रहा। उसने कई बच्चों से सैमुअल के बाहर आने की जानकारी ली। इसके बाद टीचर पर नजर रखने दो बच्चों को पैसे दिए। अंजोरोव ने गेट के बाहर करीब दो घंटे इंतजार किया। जब सैमुअल बाहर निकले तो अंजोरोव ने कुछ दूर तक उनका पीछा किया। उसके हाथ में 12 इंच का चाकू था। उसने मौका मिलते ही टीचर पर हमला कर दिया और उनका सिर कलम कर दिया। —————————- फ्रांस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पत्नी का रेप कराने वाले को 20 साल की सजा:फ्रांसीसी शख्स दुष्कर्म के लिए इंटरनेट से लोगों को बुलाता, नशीली दवाओं से बेहोश करता था फ्रांस में पत्नी को नशीली दवाएं खिलाकर 10 साल तक अनजान पुरुषों से रेप करवाने वाले पति और दुष्कर्म के अन्य 50 आरोपियों को 20 साल की सजा सुनाई गई है। दक्षिणी फ्रांस की एविग्नन कोर्ट ने गुरुवार को इसे लेकर फैसला सुनाया। पूरी खबर यहां पढ़े…
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