सीरिया में विद्रोही गुटों ने 4 दिन के भीतर अलेप्पो शहर के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला बुधवार को शुरू हुआ था और शनिवार तक आस-पास के गांवों पर कब्जा करते हुए लड़ाकों ने अलेप्पो का बड़ा हिस्सा अपने कंट्रोल में ले लिया। इससे सीरियाई सेना को अपनी पोस्ट से पीछे हटना पड़ा। हमले में कई दर्जन सैनिकों की मौत हो गई। विद्रोहियों ने शहर के सभी मुख्य इलाकों पर कब्जा कर लिया। कब्जा करने के बाद लड़ाके सड़कों पर हवाई फायर करते और अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते नजर आए। इसके बाद नागरिकों की सुरक्षा के लिए शनिवार को 24 घंटे तक घरों के भीतर रहने के आदेश दे दिए गए। BBC के मुताबिक अब तक इन हमलों में अब तक 300 से ज्यादा लोगों मारे जा चुके हैं, जिसमें से 20 आम नागरिक हैं। साल 2016 में असद की सेना ने इन विद्रोहियों को अलेप्पो से खदेड़ दिया था। अब 8 साल बाद यहां वापस विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। हालांकि, अलेप्पो के उत्तरी हिस्से के कुछ इलाकों पर अभी भी सीरिया ई सेना और ईरानी मिलिशिया का कंट्रोल है। रूस ने सीरियाई सेना की मदद के लिए विद्रोही गुटों के काफिलों और ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। अल-जजीरा के मुताबिक रूस ने दावा किया है कि इन हवाई हमलों में 300 विद्रोही मारे जा चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक विद्रोही गुट में हयात तहरीर अल-शम (HTS) और उसके सहयोगी संगठन शामिल हैं। इन्हें अलकायदा का समर्थन हासिल है। रूस और सीरिया की सेना विद्रोहियों को वापस खदेड़ने की तैयारी मे सीरिया की रक्षा मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि की है और बताया है कि अलेप्पो पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया है। इस हमले में कई दर्जन सैनिक मारे गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि विद्रोहियों ने अभी तक अलेप्पो में कोई मजबूत स्थिति नहीं बनाई है। सीरिया की सेना ईरानी मिलिशिया और रुस के साथ मिलकर विद्रोहियों को वापस खदेड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए रूसी सेना की मदद से अलेप्पो और इदलिब में विद्रोही गुटों के ठिकानों पर हवाई हमले किए जा रहे हैं। रॉयटर्स के मुताबिक सीरियाई सैन्य सुत्रों से पता चला है कि रूस सीरिया को अतिरिक्त सैन्य मदद देने की तैयारी कर रहा है, जो 72 घंटों में भेजनी शुरू कर दी जाएगी। कुर्दिश लड़ाकों भी जंग में शामिल हुए अलेप्पो के कुछ हिस्सों पर कुर्दिश लड़ाकों ने भी कब्जा कर लिया है। पिछले हफ्ते तक जो इलाके असद की सेना के कंट्रोल में थे, उनमें से कुछ इलाकों पर कुर्द लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है। ये कुर्दिश लड़ाके विद्रोही गुट के खिलाफ भी लड़ रहे हैं। इसलिए शनिवार को विद्रोही गुटों ने अलेप्पो में कुर्दिश लड़ाकों के ठिकानों पर भी हमले किए हैं। सीरिया में 2011 में शुरू हुआ गृह युद्ध 2011 में अरब क्रांति के साथ ही सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत हुई थी। सीरिया के लोगों ने 10 साल से सत्ता में काबिज बशर अल-असद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। इसके बाद ‘फ्री सीरियन आर्मी’ के नाम से एक विद्रोही गुट तैयार हुआ। विद्रोही गुट के बनने के साथ ही सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत हो गई थी। इसमें अमेरिका, रूस, ईरान और सऊदी अरब के शामिल होने के बाद ये संघर्ष और बढ़ता गया। इस बीच, सीरिया में आतंकवादी संगठन ISIS ने भी पैर पसार लिए थे। 2020 के सीजफायर समझौते के बाद यहां सिर्फ छिटपुट झड़प ही हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दशक तक चले गृहयुद्ध में 3 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके अलावा लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। —————————- सीरिया से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… सीरिया में विद्रोही गुट का मिलिट्री बेस पर कब्जा:हथियार और वाहन छीने, 89 लोगों की मौत; अलकायदा के फिर हावी होने का डर सीरिया में विद्रोही गुटों के हमले में बुधवार को 89 लोग मारे गए। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये पिछले 4 साल में विद्रोहियों की तरफ से किया गया सबसे बड़ा हमला था। उन्होंने सीरियाई आर्मी के एक मिलिट्री बेस पर भी कब्जा कर लिया है। जिन गुटों ने बुधवार को हमला किया उनमें से एक संगठन हयात तहरीर अल-शम को अल कायदा का समर्थन हासिल है। ये आतंकी संगठन सीरिया के बड़े शहरों में से एक अलेप्पो में साढ़े 9 किलोमीटर तक घुस चुके हैं। इसके लड़ाकों ने बशर अल असद की सरकार के समर्थन वाली सेना के हथियारों और वाहनों पर कब्जा कर लिया है। पूरी खबर पढ़ें…
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