टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने स्पैम कॉल और मैसेज पर रोक लगाने में फेल होने की वजह से रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया (VI) और BSNL पर जुर्माना लगाया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है। चार बड़ी कंपनियों के अलावा कई छोटे टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर भी ट्राई ने जुर्माना लगाया गया है। ट्राई ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) के तहत सभी कंपनियों पर यह जुर्माना लगाया है। लेटेस्ट राउंड में ट्राई ने सभी कंपनियों पर टोटल ₹12 करोड़ का जुर्माना लगाया है। टेलीकॉम कंपनियों पर टोटल ₹141 करोड़ का जुर्माना पिछले जुर्माने को जोड़कर टेलीकॉम कंपनियों पर टोटल ₹141 करोड़ का जुर्माना है। हालांकि, कंपनियों ने इन बकायों का भुगतान अब तक नहीं किया है। ट्राई ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) से कंपनियों की बैंक गारंटी को भुनाकर पैसे वसूलने की रिक्वेस्ट की है, लेकिन इस पर DoT का फैसला अभी पेंडिंग है। TCCCPR का उद्देश्य कंज्यूमर्स को स्पैम कॉल और मैसेज से बचाना TCCCPR को 2010 में बनाया गया था। इसका उद्देश्य कंज्यूमर्स को स्पैम कॉल और मैसेज से बचाना है। TCCCPR के कामों में कस्टमर्स के लिए प्रमोशनल कंटेंट को ब्लॉक करने के ऑप्शन देना, टेलीमार्केटर्स के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन, प्रमोशनल कम्युनिकेशन पर टाइम रिस्ट्रिक्शन और नियमों के उल्लंघन के लिए पेनल्टीज शामिल हैं। स्पैम की समस्या बिजनेसेज और टेलीमार्केटर्स की वजह से होती है: टेलीकॉम ऑपरेटर्स टेलीकॉम ऑपरेटरों का तर्क है कि स्पैम की समस्या बिजनेसेज और टेलीमार्केटर्स की वजह से होती है, न कि ऑपरेटर्स के कारण। ऑपरेटरों का यह भी कहना है कि उन पर फाइन लगाना गलत है, क्योंकि वे सिर्फ इंटरमेडियरीज हैं। ऑपरेटरों ने बताया कि स्पैम कम करने में कंपनियों ने पर्याप्त निवेश किया है, हालांकि कुछ कंपनियां रेगुलेशंस से बच रही हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने बैंकों और बिजनेसेज पर भी स्पैम रेगुलेशन लागू करने का आग्रह किया टेलीकॉम कंपनियों ने ट्राई से वॉट्सऐप जैसे ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म के साथ-साथ बैंकों और अन्य बिजनेसेज पर भी स्पैम रेगुलेशन लागू करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि ये प्लेटफॉर्म स्पैम ट्रैफिक में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इन्हें रेगुलेट करना जरूरी है। ट्राई स्पैम से ज्यादा प्रभावी ढंग से निपटने के लिए TCCCPR को रिवाइज करने और बढ़ाने की प्रोसेस में है। हाल ही में हुई एक मीटिंग में टेलीकॉम ऑपरेटरों ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक ओटीटी प्लेटफॉर्म और बिजनेसेज समेत इकोसिस्टम में सभी प्रतिभागियों को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता, तब तक स्पैम को समाप्त नहीं किया जा सकता है।
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